...पहलगाम में मारे गए शुभम की पत्नी ऐशन्या ने मांग के सिंदूर को लेकर कही ये रुला देने वाली बात

May 8, 2025

ऐशान्या ने कहा, 'यह ऑपरेशन सिंदूर हम वीर पत्नियों के आंसुओं का जवाब है, जिसमें शुभम और मेरी तरह दूसरों के भी पति आतंकी हमले में मारे गए। हमारा सिंदूर अब शौर्य, प्रतिशोध और राष्ट्रभक्ति का संकल्प बन गया है। मुझे गर्व है कि शुभम ने देश के लिए बलिदान दिया, लेकिन मेरा सिंदूर छिन गया। अब कोई और औरत इस दर्द से न गुजरे, यही मेरी प्रार्थना है।'

"मैं अपने पति की मौत का बदला लेने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देना चाहती हूं। मेरे पूरे परिवार को उन पर भरोसा था और जिस तरह से उन्होंने (पाकिस्तान को) जवाब दिया, उसने हमारे भरोसे को कायम रखा है। यही मेरे पति को सच्ची श्रद्धांजलि है। मेरे पति आज जहां भी होंगे, उन्हें शांति मिलेगी।"

शुभम द्विवेदी के पिता संजय द्विवेदी ने भी पीएम मोदी का आभार जताया है। उन्होंने इस जवाबी कार्रवाई के लिए पीएम मोदी को शुक्रिया कहा है। बेटे को खोने का गम अभी भी उनके लिए हरा है और ऐसे में भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई ने उनके कलेजे को ठंडक दी है। संजय द्विवेदी ने इस जवाबी कार्रवाई की सराहना की और पीएम मोदी को इसका श्रेय देते हुए धन्यवाद कहा है। उन्होंने ये भी कहा कि उनके बेटे की मौत का बदला भारत ने ले लिया है।

सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकियों के ठिकानों को नेस्तनाबूद किया है। ऐशान्या कहती हैं कि यह आपरेशन सिंदूर हम वीर पत्नियों के आंसुओं का जवाब है, जिसमें शुभम और मेरी तरह दूसरों के भी पति आतंकी हमले में मारे गए। हमारा सिंदूर अब शौर्य, प्रतिशोध और राष्ट्रभक्ति का संकल्प बन गया है। शुभम और ऐशान्या की शादी को अभी दो महीने भी नहीं हुए थे। मांग में भरे सिंदूर ने दोनों को सात जन्मों के अटूट बंधन में जोड़ा था। शुभम ने जब ऐशान्या की मांग में सिंदूर भरा था, तब दोनों की आंखों में सिर्फ सपने थे। सपने एक साथ जीने और एक साथ बुढ़ापे तक चलने के संकल्प।

लेकिन किसे पता था कि आतंकी इस जोड़ी को ऐसे अलग कर देंगे। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शुभम की निर्मम हत्या ने इस संकल्प को अधूरा कर दिया। ऐशान्या की मांग का सिंदूर उस दिन सूख गया था, लेकिन उसकी आंखों में बहते आंसुओं ने देश की आत्मा को झकझोर दिया।

सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकियों के ठिकानों को नेस्तनाबूद किया है। ऐशान्या कहती हैं कि यह आपरेशन सिंदूर हम वीर पत्नियों के आंसुओं का जवाब है, जिसमें शुभम और मेरी तरह दूसरों के भी पति आतंकी हमले में मारे गए। हमारा सिंदूर अब शौर्य, प्रतिशोध और राष्ट्रभक्ति का संकल्प बन गया है।

कानपुर का शुभम उन 26 लोगों में से एक थे, जो 22 अप्रैल को हुए कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए. ऐशान्या की शादी को महज 60 दिन भी नहीं हुए थे.  वह बार-बार कहती हैं- मुझे गर्व है कि शुभम ने देश के लिए बलिदान दिया, लेकिन मेरा सिंदूर छिन गया. अब कोई और औरत इस दर्द से न गुजरे, यही मेरी प्रार्थना है.

पहलगाम हमले में शुभम द्विवेदी की हत्या ने उनकी पत्नी ऐशान्या का सिंदूर छीन लिया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानो पर तबाही मचाकर आतंकवाद को उन्हीं की भाषा में करारा जवाब दिया है। ऐशान्या ने इसे वीर पत्नियों के आंसुओं का बदला बताया, जिसमें शुभम का बलिदान शौर्य और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक बना।


समयलाइव डेस्क
नई दिल्ली

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