सजा सुनाए जाने के बाद अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता खत्म

June 1, 2025

नफरत भरा भाषण देने के मामले में दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश की मऊ सदर सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक अब्बास अंसारी की विधानसभा की सदस्यता समाप्त कर दी गई है।

विधानसभा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई है और मऊ सदर सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया है।

मऊ सदर सीट से सुभासपा के विधायक और पूर्व बाहुबली राजनेता मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने नफरत भरे भाषण के मामले में दोषी करार देते हुए शनिवार को दो साल की सजा सुनायी थी।

इस बीच, सुभासपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''वह (अब्बास अंसारी) पार्टी के विधायक हैं। अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। हम अपना पक्ष रखने के लिए उच्च न्यायालय का रुख करेंगे।''

अभियोजन पक्ष के अनुसार पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान मऊ सदर सीट से सुभासपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरे अब्बास अंसारी ने तीन मार्च 2022 को पहाड़पुर मैदान में एक जनसभा के दौरान मऊ प्रशासन को चुनाव के बाद हिसाब-किताब करने और सबक सिखाने की धमकी दी थी।

बचाव पक्ष के वकील दारोगा सिंह के मुताबिक इस मामले में अंसारी के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 189 (लोक सेवक को क्षति पहुंचाने की धमकी), 153 ए (धर्म, जाति, जन्मस्थान, निवास और भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सद्भाव को बिगाड़ना), 171 एफ (चुनाव में अनुचित प्रभाव डालना) और 506 (आपराधिक धमकी देना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

सिंह के अनुसार विशेष एमपी-एमएलए अदालत के न्यायाधीश के.पी. सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद शनिवार को अब्बास अंसारी को दोषी ठहराया और धारा 189 तथा 153ए के तहत दो-दो साल, धारा 506 के तहत एक साल और धारा 171 एफ के तहत छह महीने कैद की सजा सुनायी। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। अंसारी पर दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

उन्होंने बताया कि विशेष अदालत के इस आदेश को अब सत्र अदालत में चुनौती दी जाएगी। फिलहाल अब्बास अंसारी की अस्थायी जमानत मिल गयी है।

सजा सुनाये जाने के बाद अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता समाप्त होना तय हो गया था। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अदालत द्वारा दो साल या उससे अधिक की सजा सुनाये जाने पर विधायी सदन की सदस्यता समाप्त किये जाने का प्रावधान है।

अब्बास अंसारी वर्ष 2022 में मऊ सदर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी की अगुवाई वाले गठबंधन के तहत सुभासपा के टिकट पर चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने थे। सुभासपा वर्तमान में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी नीत गठबंधन सरकार की सहयोगी है और पार्टी के अध्यक्ष प्रदेश में कैबिनेट मंत्री हैं।

उससे पहले अब्बास अंसारी के पिता बाहुबली राजनेता मुख्तार अंसारी ने एक लम्बे अर्से तक मऊ सदर विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया था।


भाषा
लखनऊ

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