नीदरलैंड में मास्टर्स शतरंज टूर्नामेंट जीतने वाले आर. प्रज्ञाननंदा का मंगलवार को यहां स्वदेश लौटने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। तमिलनाडु सरकार और राष्ट्रीय महासंघ के अधिकारियों के साथ-साथ सैकड़ों प्रशंसक हवाई अड्डे पर उनका स्वागत करने के लिए पहुंचे थे।
चेन्नई के 19 वर्षीय खिलाड़ी प्रज्ञाननंदा ने रविवार को मौजूदा विश्व चैंपियन और हमवतन डी. गुकेश को हराकर पहली बार मास्टर्स स्टील शतरंज टूर्नामेंट का ताज अपने नाम किया, जो उनके कॅरियर की अब तक की सबसे बड़ी जीत है।
प्रज्ञाननंदा ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं कि यह टूर्नामेंट जीतने में सफल रहा। यह देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा कि टाईब्रेकर भारत, तमिलनाडु के दो खिलाड़ियों के बीच खेला गया। हम दोनों ने अच्छा प्रदर्शन किया। उन्हें (डी गुकेश) भी बहुत-बहुत बधाई।
उन्होंने वास्तव में अच्छा खेल दिखाया।’ प्रज्ञाननंदा और गुकेश दोनों अपने 13वें दौर के मुकाबले में हारने के बाद 8.5 अंक लेकर संयुक्त रूप से शीर्ष पर रहे। इसके बाद टाईब्रेकर का सहारा लिया गया। जिसमें प्रज्ञाननंदा ने 2-1 से जीत हासिल की।
प्रज्ञाननंदा मास्टर्स शतरंज खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बने। आनंद 2003, 2004 और 2006 में इस टूर्नामेंट में विजेता रहे थे। तब इसे कोरस शतरंज टूर्नामेंट के नाम से जाना जाता था।
भाषा चेन्नई |
Tweet