आस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों उस्मान ख्वाजा और ट्रैविस हेड ने स्वीकार किया कि सिडनी क्रिकेट ग्राउंड की गेंदबाजों के लिए अनुकूल पिच पर जसप्रीत बुमराह के पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच के तीसरे दिन गेंदबाजी नहीं करने के कारण उनकी टीम आसानी से जीत दर्ज करने में सफल रही।
बुमराह पीठ के निचले हिस्से में दर्द के कारण तेज गेंदबाजों के लिए अनुकूल विकेट पर आस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में गेंदबाजी नहीं कर पाए।
आस्ट्रेलिया ने 162 रन का लक्ष्य हासिल करके पिछले एक दशक में पहली बार बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम की।
पूरी सीरीज में बुमराह का प्रभाव इस तरह से था कि जब यह पता चला कि यह तेज गेंदबाज चोटिल होने के कारण गेंदबाजी नहीं कर पाएगा तो आस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों ने राहत की सांस ली। इनमें ख्वाजा भी शामिल थे जिन्हें पूरी सीरीज में बुमराह के सामने संघर्ष करना पड़ा था।
ख्वाजा ने कहा, ‘बुमराह मुझ पर हावी था। उसका सामना करना आसान नहीं था और मुझे हर बार नई गेंद से उसका सामना करना पड़ रहा था।’
ख्वाजा ने कहा, ‘उसके पास प्रत्येक बल्लेबाज के लिए अलग रणनीति थी। मुझे हमेशा लगता था कि गेंदबाज कैसा भी हो मैं रन बनाने के तरीके ढूंढ लूंगा लेकिन उसके खिलाफ ऐसा नहीं कर पाया। उसका सामना करना बेहद मुश्किल था।
खुदा का शुक्र है कि मुझे फिर से उसका सामना नहीं करना है।’ मध्यक्रम के बल्लेबाज हेड ने भी आधिकारिक प्रसारक के साथ बात करते हुए ख्वाजा का समर्थन किया।
उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि बुमराह के गेंदबाजी नहीं करने से हमारे ड्रेसिंग रूम में मौजूद 15 खिलाड़ी बेहद खुश थे। वह बेहतरीन गेंदबाज है। इस दौरे में उसने असाधारण प्रदर्शन किया।’
उन्होंने कहा, ‘आप कभी नहीं चाहते कि कोई खिलाड़ी चोटिल हो और उसका घायल होना निराशाजनक था लेकिन हमारे लिए यह खुदा का शुक्र था। इस विकेट पर उसका सामना करना दु:स्वप्न की तरह होता। जैसे ही हमने देखा कि वह मैदान पर नहीं उतर रहा है तो हमने सोचा कि यह हमारे लिए मौका है।’
टेस्ट क्रिकेट में 5500 से अधिक रन बनाने वाले 38 वर्षीय ख्वाजा ने कहा कि बुमराह ने उन्हें रन बनाने का मौका ही नहीं दिया।
भाषा सिडनी |
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