
Weekly Horoscope 10 to 16 August 2025: आज हम आपको बताएंगे 10 से 16 अगस्त, 2025 तक के भविष्यफल के बारे में, कौन-सी राशि वालों को रहना होगा सतर्क और कौन सी राशिवालों को होगा लाभ। साथ ही आपको बताएंगे कि इस सप्ताह कौन-कौन से त्यौहार हैं।
मेष-भाई अथवा पिता से भावनात्मक कष्ट मिल सकता है। दाम्पत्य जीवन को लेकर मन में नकारात्मक विचार हो सकते है। अविवाहितों के विवाह तय होने की प्रबल संभावना है। खराब व चापलूस प्रकृति के लोगों से आपकी निकटता आपके लिए हानिकर हो सकती है। किसी अहम मुद्दे पर अभिभावकों से वैचारिक मतभेद संभव है। संबंधों में कुछ भावनात्मक कष्टो से मन परेशान होगा। महत्वपूर्ण निर्णयों को विवेकपूर्वक लेवें। व्यावसायिक संबंधों से लाभ के आसार भी दिखेंगे।
वृषभ-निकटस्थ संबंधों में कटुता की आशंका है। अत: संबंधों में विनम्र बनने की कोशिश करें। साथ ही आपके अंदर रचनात्मक प्रवृत्ति को उजागर होगी। नैतिक-अनैतिक आदि के बारे में सोचने वाला आपका मन भौतिक परिवेश में ताल-मेल बिठाने में असमर्थ होगा। रविवार व सोमवार को नये व्यावसायिक संबंधों के लाभ संभव है। राजकीय कर्मचारियों के लिए नौकरी का वातावरण थोड़ा अरुचिकर हो सकता है और स्थान परिवर्तन के भी योग हैं। आमोद-प्रमोद एवं निर्थक विचारों पर मन केन्द्रित होगा।
मिथुन-आर्थिक सुदृता के लिए परिश्रम तीव होगा। अत्याधिक पारिवारिक जिम्मेदारियां मन पर दबाव बनायेंगी। अत्याधिक पारिवारिक जिम्मेदारियां मन पर दबाव बनायेंगी। अच्छी योजनाओं द्वारा कठिन से कठिन कार्य को सार्थक बनाने में सक्षम होंगे। प्रयासरत क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होगी। रचनात्मक व सामाजिक कार्य में रुचि बढ़ेगी। रविवार व सोमवार को समुचित परिश्रम के बावजूद भी मनोवांछित परिणाम न मिलने से मन चिन्तित होगा। विद्यार्थी शिक्षा-प्रतियोगिता में लापरवाही न बरतें अन्यथा परिणाम बुरे हो सकते हैं।
कर्क- नौकरी के वातावरण में किसी सहकर्मी अथवा अधिकारी के व्यवहार से दिक्कतें संभव। पारिवारिक बातों को लेकर मन थोड़ा परेशान हो सकता है। यदि आप तकनीकी रचनात्मक अथवा मीडिया के क्षेत्र में संलग्न हैं तो आपके लिए अच्छा समय चल रहा है अत: मिल रहे अवसरों का भरपूर लाभ उठायें। निर्थक बाते करना अच्छी बाते नही है। थोड़ा अपने अन्दर व्यस्तता लावें। कोई ऐसा कार्य न करें जिससे आपकी छवि धूमिल हो।
सिंह-महत्वपूर्ण कार्य में आलस्य न करें। अत्याधिक लगाववश अभिभावकों के सुख-दु:ख के प्रति मन चिन्तित होगा। महत्वपूर्ण कार्य में आलस्य न करें। भविष्य के प्रति नकारात्मक विचार उत्साह में कमी ला सकते हैं। अत्याधिक व्यय व दायित्व की पूर्ति में समुचित साधनाभाव से मन चिन्तित होगा। रविवार व मंगलवार के आर्थिक कठिनाइयों, उदर विकार और विरोधियों के प्रबलता आशंका है परन्तु अपने धैर्य व जुझारु प्रवृति से हर स्थिति का सामना करने में सक्षम होंगे।
कन्या-इस सप्ताह मे अत्यधिक व्यय से अर्थाभाव संभव है। दायित्वों के पूर्ति हेतु प्रयत्नशील मन समुचित साधनाभाव वश चिन्तित होगा। गुप्त शत्रुओं से सतर्क रहें। दाम्पत्य जीवन में मधुरता के लिए भावनात्मक अभिव्यक्ति जोर देवें। क्षमता से बड़ी जिम्मेदारियां मन पर प्रभावी होंगी। रविवार व सोमवार को परिजनों की छोटी-छोटी बात का बुरा न माने। भौतिक सुख-साधन में व्यय संभव। पारिवारिक वातावरण सुखद होगा। तमाम जिम्मेदारियों की पूर्ति हेतु धन संचय के लिए मन प्रयत्नशील होगा। विद्यार्थियों के मन में नकारात्मक चिंताएं उत्साह में कमी ला सकती हैं।
तुला-इस सप्ताह महत्वपूर्ण व संवेदनशील स्थिति में आपका बचकाना स्वभाव कार्यक्षेत्र में आपके छवि को कूप्रभावित करता है अत: इसमें सुधार लावें। आपका मन कुछ भविष्य संबंधी चिन्ताओं को लेकर परेशान होगा। अच्छी योजनाओं द्वारा कठिन से कठिन कार्य को सार्थक बनाने में सक्षम होंगे। रविवार एवं सोमवार को विद्यार्थी वर्ग शिक्षा में लापरवाही न करें। घर-परिवार में कोई मांगलिक आयोजन को लेकर मन उत्साहित होगा। जीवनसाथी से वैचारिक मतभेद संभव। राजनैतिक व्यक्तियों के लिए अच्छा समय, उनके वर्चस्व में वृद्धि होगी।
वृश्चिक-उत्साहपूर्वक योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए प्रयत्नशील होंगे। उच्चस्तरीय व्यक्ति से निकटता बढ़ेगी। यात्रा में अपने सामानों की सुरक्षा स्वयं करें। अपने उच्च मनोबल व बौद्धिक क्षमता द्वारा आय व्यय में संतुलन बनाएंगे व कठिन से कठिन परिस्थितियों में सीमित साधन के बावजूद भी अपने हर दायित्वों को पूर्ण करने में सफल होंगे। रविवार एवं बुद्धवार को कल्पनाओं में जीना छोड़ भौतिक जगत के अनुरूप चलने का प्रयत्न करें। निार्थक दूसरों की आलोचना ना करें।
धनु-आपकी उच्च महत्वाकांक्षा जल्द ऊंची प्रगति के लिए आपको प्रेरित करेगा। रोजगार क्षेत्र में व्यस्तता बढ़ेगी, लेकिन कार्य को कल पर टालने से एक साथ कई कार्य के एकत्रित होने से मन पर अत्याधिक कार्य का बोझ पड़ेगा। मन में नये-नये कार्य पर केन्द्रित होगा। परंतु आपका अस्थिर व दुविधाग्रस्त मन किसी एक कार्य पर दृतापूर्वक केन्द्रित होने में असमर्थ होगा। आकस्मिक कार्य क्षेत्र में कठिनाईयां एवं अर्थाभाव का ऐहशास होगा। जीवन साथी के स्वास्थ्य में थोड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
मकर-कुछ छोटी-मोटी परेशानियों को छोड़ दे तो घर में उत्साह का माहौल रहेगा। पारिवारिक दायित्वों की पूर्ति हेतु चिन्तित मन प्रयत्नशील होगा। सामाजिक कार्य व संबंधों के निर्वहन में व्यय से आर्थिक कठिनाइयों संभव। आपका सरल व मिलनसार स्वभाव संबंधों में निकटता तो लायेगा परंतु अत्यधिक भावनात्मक अपेक्षाएं संबंधों में कष्ट का भी अनुभव करायेंगी। सोमवार को निकट संबंधों में छोटी-छोटी बातों का बुरा न मानें।
कुंभ-जिम्मेदारियों के पूर्ति के लिए समुचित साधन व्यवस्था हेतु मन में चिंता संभव। पारिवारिक चिन्ताएं मन पर प्रभावी होंगी। किसी महत्वपूर्ण मांगलिक अयोजन हेतु मन समुचित व्यवस्था के लिए मन चिन्तित होगा। किसी महत्वपूर्ण कार्य की सार्थकता के लिए परिश्रम तीव्र होगा। नौकरी में किसी सहकर्मी अथवा अधिकारी से कष्ट संभव। अपनी व्यवहारकुशलता से संबंधों में लोकप्रिय होंगे।
मीन-इस सप्ताह आपका महत्वाकांक्षी मन यर्थाता से परे ऊंची आकांक्षाओं की सार्थकता में असमर्थता महसूस कर दुखित होगा। राजनीतिक क्षेत्र के व्यक्तियों के लिए आकस्मिक कुछ लाभप्रद स्थितियों का लाभ संभव हो सकेगा। आपका उच्च कल्पनाशील मन नयी सुन्दर कल्पनाओं से ओतप्रोत रहेगा। संबंधों में अच्छी भावनाओं के बावजूद भी अपयश मिल सकता है। छोटी-छोटी बातों पर क्रोध न करें। स्वास्थ्य पर सावधानी अपेक्षित है।
सप्ताह के व्रत और त्योहार
11 अगस्त-पंचक (पचखा), भद्रा प्रारम्भ रात्रि 21:37 बजे से, वृहद गौरी वत, तीजढ़ी (सिंधी), बुद्ध मर्गी अपराहन् 12:58 बजे। 12 अगस्त- पंचक (पचखा), भद्रा समाप्त प्रात: 08:41 बजे तक, कजली तृतीया वत, कजरी तीज, संकष्टी श्री गणोश चतुर्थी वत (चन्द्रोदय रात्रि 20:42 बजे), बहुला चतुर्थी, गुरु पुनर्वसु नक्षत्र में अर्धरात्रयोत्तर 05:04 बजे प्रवेश करेगा। 13 अगस्त- पंचक (पचखा), मंगल हस्त नक्षत्र में रात्रि 22:32 बजे प्रवेश करेगा, पंचमी तित क्षय। 14 अगस्त- पंचक (पचखा) समाप्त प्रात: 09:06 बजे, भद्रा प्रारम्भ अर्धरात्रयोत्तर 02:08 बजे से, चन्द्र षष्ठी वत (मरुस्थल में), हल षष्ठी वत, (पुत्रार्थियो को एवं सन्तावती महिलाओं को यह वत करना चहिए), कपिला षष्ठी वत, चंम्पा षष्ठी।
पं. कृष्ण गोपाल मिश्र |
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