
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बी. आर. गवई की ओर जूता फेंकने वाले वकील के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने के लिए इच्छुक नहीं है।
न्यायालय ने कहा कि सीजेआई ने स्वयं उसके खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार कर दिया था।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि अदालत में नारे लगाना और जूते फेंकना स्पष्ट रूप से अदालत की अवमानना का मामला है लेकिन यह संबंधित न्यायाधीश पर निर्भर करता है कि वह आगे बढ़ना चाहते हैं या नहीं।
| भाषा नयी दिल्ली |
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