Lok Sabha Election 2024 : मणिपुर की रैली में बोले गृहमंत्री अमित शाह, 'सरकार की प्राथमिकता शांति लाना है'

April 16, 2024

Lok Sabha Election 2024 : केंद्रीय गृहमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह (Amit Shah) ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार की प्राथमिकता शांति स्थापित करना और मणिपुर (Manipur) में सभी समुदायों के बीच एकता सुनिश्चित करना है।

इंफाल के हप्ता कांगजीबुंग पैलेस परिसर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए गृहमंत्री शाह ने कहा कि इस बार का चुनाव मणिपुर को एकजुट करने और राज्य के विभाजन का विरोध करने के लिए है।

रैली में हजारों लोगों की तालियों के बीच गृहमंत्री ने सभा में कहा, "हम किसी भी कीमत पर मणिपुर को विभाजित नहीं होने देंगे।"

पिछले साल 3 मई को मणिपुर में जातीय दंगे शुरू होने के बाद से कुकी-ज़ोमी समुदायों से संबंधित 10 आदिवासी विधायक और इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम और कुकी इंपी मणिपुर (केआईएम) सहित कई प्रमुख आदिवासी संगठन अलग प्रशासन या एक अलग राज्य की मांग कर रहे हैं।

यह दावा करते हुए कि पूर्वोत्तर राज्य की जनसांख्यिकी (डेमोग्राफी) को बदलने के लिए घुसपैठ के प्रयास किए जा रहे हैं, शाह ने कहा कि आगामी संसदीय चुनाव मणिपुर को विभाजित करने की कोशिश करने वाली ताकतों और राज्य को एकजुट रखने के प्रयास करने वालों के बीच एक लड़ाई है।

शाह ने कहा, "पीएम मोदी हमेशा कहते थे कि देश की किस्मत तब बदलेगी, जब पूर्वोत्तर और मणिपुर की किस्मत बदलेगी।"

उन्‍होंने कहा, "पीएम मोदी न केवल क्षेत्र और देश का विकास कर रहे हैं, बल्कि मणिपुर और भारत की भी रक्षा कर रहे हैं। दो लोकसभा सीटों पर भाजपा और उसके सहयोगी को दिए गए आपके वोट से पूरी दुनिया को यह स्पष्ट हो जाएगा कि राज्य की जनता किस पर भरोसा करती है।"

यह आरोप लगाते हुए कि केंद्र और राज्य दोनों में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारों के दौरान मणिपुर के विकास के लिए गंभीरता से कुछ नहीं किया गया, गृहमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार राज्य के समग्र विकास के लिए हजारों करोड़ रुपये प्रदान कर रही है। इंफाल-मोरेह रेलवे लाइन के लिए 1,300 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए 2,000 करोड़ रुपये और इंफाल को जोड़ने के लिए निर्माणाधीन रेलवे लाइनों के लिए 10,000 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।

शाह ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने भी उन तत्कालीन राजाओं के सम्मान और स्मृतियों को संरक्षित करने के लिए कुछ नहीं किया, जिन्होंने मणिपुर के हितों के लिए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।

गृहमंत्री ने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान मणिपुर को 39,000 करोड़ रुपये मिले, पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने इसे चार गुना बढ़ाया और कई परियोजनाओं और योजनाओं को लागू करने के लिए 1.20 लाख करोड़ रुपये मंजूर किए।

उन्होंने कहा कि केंद्र ने मणिपुर के मूल लोगों की सुरक्षा के लिए इनर लाइन परमिट (आईएलपी) प्रणाली भी लागू की है।

रैली में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदिमयुम शारदा देवी, शिक्षा मंत्री और इनर मणिपुर सीट थौनाओजम से भाजपा उम्मीदवार बसंत कुमार सिंह सहित अन्य लोगों ने भी लोगों को संबोधित किया।

3 मई को मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री ने पिछले साल 29 मई से 1 जून तक चार दिनों के लिए राज्य का दौरा किया और निपटने के उपायों की घोषणा करने से पहले शीर्ष अधिकारियों, राजनेताओं, गैर सरकारी संगठनों के साथ कई बैठकें कीं।

मणिपुर की दो लोकसभा सीटों पर दो चरणों में चुनाव होंगे।

आंतरिक मणिपुर सीट पर छह उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि आदिवासियों के लिए आरक्षित बाहरी मणिपुर सीट पर चार उम्मीदवार मैदान में हैं।

आंतरिक मणिपुर सीट पर बाहरी मणिपुर निर्वाचन क्षेत्र के कुछ हिस्सों के साथ 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान होगा।

बाहरी मणिपुर के शेष हिस्सों में 26 अप्रैल को दूसरे चरण में मतदान होगा।

भाजपा ने आंतरिक मणिपुर में थौनाओजम बसंत कुमार सिंह को मैदान में उतारा है और आदिवासियों के लिए आरक्षित बाहरी मणिपुर सीट पर एनपीएफ उम्मीदवार के. टिमोथी जिमिक को समर्थन दिया है।

विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन ने आंतरिक मणिपुर सीट के लिए अंगोमचा बिमोल अकोइजाम को मैदान में उतारा है, जबकि अल्फ्रेड कन्नगम एस. आर्थर को बाहरी मणिपुर (एसटी) से मैदान में उतारा गया है।


आईएएनएस
इंफाल

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