उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक ऐसी अजीबो-गरीब घटना रोजाना घटती है, जिसे सुनकर आप चौंक जाएंगे।मथुरा में ब्रजवासी यमुना किनारे श्याम घाट पर ब्रज के राजा दाऊजी महाराज को रोजाना भांग चढ़ाया करते हैं। वहीं, एक बंदर रोजाना दोपहर बाद तीन बजे यहां आता है और भांग पीकर चला जाता है।
बताया जाता है कि चतुर्वेदी समाज के लोग इस बंदर को चीकू के नाम से पुकारा करते हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह बंदर चार-पांच साल से रोजाना दोपहर बाद 3 बजे पर आता है और भांग के इंतजार में बैठ जाता और भांग पीकर चला जाता है।
सूत्रों के अऩुसार, यह बंदर रोजाना करीब एक लोटा भांग का घोल पीता है।
जानकारी के अनुसार, यहां पर चार साल पहले लोग बंदरों को मार रहे थे और सभी बंदरों को मार दिया गया। फिर, यह अकेला बंदर बचा, जो घायल अवस्था में पड़ा हुआ मिला था। फिर यहां के लोगों ने इसका इलाज किया और इसे बचा लिया। फिर तो, इस बंदर को यहां के लोगों से प्यार हो गया और यहां आने लगा। यहां के लोग इसे खाना भी देने लगे।
जी हा, तो आपको बता दें कि आखिर यह कैसे हुआ, तो आपके बताते हैं कि यहां पर लोग रोजाना भगवान ठाकुर को बिजिया (भांग) चढ़ाते हैं और एक दिन यह बंदर यहां पहुंच गया और लोगों ने उसे भांग दे दी, और वो पी भी गया। फिर क्या था, तभी से वह बंदर रोजाना यहां आने लगा और अपने तय समय के अनुसार, वह करीब एक लोटा भांग पीकर चला जाता है। बता दें कि भांग की ठंडाई बनाने के लिए काजू और अन्य सूखे मेवों को पीसकर उसमें मिलाया जाता है।
यहां के एक पंडित के अनुसार, कि हम ठाकुरजी को रोजाना भांग का घोल चढ़ाने के लिए तैयार करते हैं। यह बंदर भी रोज यहां आता है और ठंडाई पीकर चला जाता है। उन्होंने बताया कि बंदर रोज यहां आकर चुपचाप बैठ जाता है और जब उसे ठंडाई मिल जाती है तो वह पीकर चला जाता है।
सुरेन्द्र देशवाल मथुरा |
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