
जनता दल (U) ने बुधवार को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने 57 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की, जिसमें पार्टी ने बाहुबली नेताओं को तवज्जो देने के साथ ही सामाजिक संतुलन साधने की कोशिश की है।
जद(यू) ने चिराग पासवान के दावे वाली पांच सीटों पर भी अपने प्रत्याशी उतारे हैं।
सूची में तीन प्रभावशाली और विवादित छवि वाले नेताओं को उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि 10 अनुसूचित जाति (एससी) प्रत्याशियों को टिकट देकर पार्टी ने सामाजिक समीकरण पर ध्यान केंद्रित किया है।
मोकामा के बाहुबली नेता अनंत कुमार सिंह को भी जद(यू) ने अपना प्रत्याशी घोषित किया है। सिंह ने मंगलवार को ही नामांकन पत्र दाखिल कर दिया था।
जद(यू) के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को महनार सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। उन्होंने भी मंगलवार को नामांकन दाखिल किया था। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस कदम के जरिए जद(यू) ने प्रदेश संगठन और नेतृत्व को चुनावी मैदान में उतरने का संदेश दिया है।
मंत्री मदन सहनी को बहादुरपुर, रत्नेश सदा को सोनबरसा, महेश्वर हजारी को कल्याणपुर, विजय कुमार चौधरी को सरायरंजन और श्रवण कुमार को नालंदा से चुनावी मैदान में उतारा गया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि सभी प्रमुख सामाजिक वर्गों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गई है, हालांकि पहली सूची में मुस्लिम समुदाय का कोई प्रत्याशी नहीं है।
उम्मीदवारों की सूची के अनुसार, मोकामा से अनंत सिंह, एकमा से धुमल सिंह और कुचाएकोट से अमरेंद्र पांडे को टिकट दिया गया है। ये तीनों बाहुबली माने जाते हैं।
इसी तरह, 2020 के विधानसभा चुनाव में महज 12 वोटों से जीत दर्ज करने वाले कृष्ण मुरारी शरण उर्फ प्रेम मुखिया को भी पार्टी ने हिलसा सीट से दोबारा प्रत्याशी बनाया है।
सूची में 18 मौजूदा विधायकों को दोबारा मौका दिया गया है, जबकि दो विधायकों के टिकट काटे गए हैं। जद(यू) ने चिराग पासवान के दावे वाली पांच सीटों-सोनबरसा, अलौली, राजगीर, एकमा और मोरवा भी अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं।
मंत्री महेश्वर हजारी का टिकट कटने की अटकलों को पार्टी ने खारिज करते हुए उन्हें फिर से कल्याणपुर से प्रत्याशी बनाया है। उल्लेखनीय है कि हजारी के बेटे ने इस वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर समस्तीपुर (सुरक्षित) सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की उम्मीदवार शांभवी चौधरी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।
वहीं, मंत्री रत्नेश सादा को सोनबरसा से दोबारा उम्मीदवार बनाया गया है। पार्टी ने मौजूदा मंत्रियों पर भरोसा कायम रखा है।
जद(यू) के वरिष्ठ नेता और ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने मंगलवार को ही अपना नामांकन दाखिल कर दिया था।
जद(यू) इस बार 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि 2020 में उसने 115 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और 43 सीटों पर जीत हासिल की थी।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बार सीटों की संख्या से ज्यादा ध्यान उन सीटों पर केंद्रित किया है, जहां जीत की संभावना अधिक मानी जा रही है।
भाषा पटना |
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