
सेवानिवृत्ति कोष निकाय ईपीएफओ के सात करोड़ से अधिक अंशधारकों को अब एक ही पोर्टल पर सभी प्रमुख सेवाओं और अपने खाते से जुड़ी जानकारियां एकल लॉगिन के जरिये मिल जाएंगी। श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
मांडविया ने यहां संवाददाताओं से कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने सदस्यों को अधिक पारदर्शी, सरल और उपयोगकर्ता अनुकूल सेवाएं देने के लिए कई सुधार किए हैं।
अब तक सदस्यों को पासबुक पोर्टल पर अलग से लॉगिन कर अंशदान एवं निकासी का विवरण देखना पड़ता था। लेकिन अब नए ‘पासबुक लाइट’ फीचर को सदस्य पोर्टल पर ही शामिल कर दिया गया है।
इस सुविधा से अंशधारक ईपीएफइंडिया के यूनिफाइड पोर्टल पर ही सीधे जाकर अपने अंशदान, निकासी और शेष राशि का संक्षिप्त विवरण देख सकेंगे। इसके लिए उन्हें पासबुक पोर्टल पर अलग से लॉगिन करने की जरूरत नहीं होगी।
हालांकि, विस्तृत ग्राफिकल पासबुक की सुविधा पहले की तरह पासबुक पोर्टल पर मिलती रहेगी।
मांडविया ने कहा कि एकल लॉगिन की सुविधा से न केवल उपयोगकर्ता अनुभव बेहतर होगा बल्कि पासबुक पोर्टल पर दबाव घटेगा और तकनीकी संरचना भी आसान होगी।
श्रम मंत्री ने कहा कि भविष्य निधि (पीएफ) के स्थानांतरण में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए ‘एनेक्सचर-के’ (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) को भी अब ऑनलाइन डाउनलोड करने योग्य बना दिया गया है।
अब तक कर्मचारी के नौकरी बदलने पर यह सर्टिफिकेट केवल पीएफ कार्यालयों के बीच साझा होता था और अंशधारक को अनुरोध करने पर ही मिलता था।
लेकिन नई व्यवस्था में सदस्य सीधे पीडीएफ फॉर्मेट में इसे डाउनलोड कर सकेंगे और अपने खाते में मौजूद राशि एवं सेवा अवधि के सही ब्योरे की पुष्टि कर पाएंगे।
उन्होंने बताया कि यह सुविधा न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ाएगी बल्कि कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) से जुड़े लाभों के लिए स्थायी डिजिटल रिकॉर्ड भी उपलब्ध कराएगी।
ईपीएफओ ने सेवा वितरण को तेज करने के लिए मंजूरी प्रक्रिया में भी सुधार किया है। अब तक स्थानांतरण, निपटान, अग्रिम राशि, रिफंड जैसी विभिन्न सेवाओं के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की स्वीकृति जरूरी होने से देरी होती थी। लेकिन नई व्यवस्था में यह अधिकार सहायक आयुक्तों और निचले स्तर तक क्रमबद्ध ढंग से सौंपा गया है।
मांडविया ने कहा कि इन सुधारों से सदस्यों के दावों के त्वरित निपटान, सरल स्वीकृति प्रक्रिया, जवाबदेही में वृद्धि और अंशधारकों की संतुष्टि सुनिश्चित होगी।
भाषा नई दिल्ली |
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