बिहार और पूर्वांचल का सबसे बड़ा महापर्व छठ आज यानि 5 नवंबर से शुरू हो रहा है। चार दिवसीय लोक आस्था अैर सूर्य उपासना का महापर्व नहाय खाय छठ पूजा का आज पहला और सबसे महत्वपूर्ण दिन है।
यह दिन पूरे उपवास और अनुष्ठानों की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन व्रती स्नान करते हैं और शुद्ध भोजन ग्रहण करते हैं।
नहाय-खाय से छठ पूजा की शुरुआत होती है। पंचांग के अनुसार, इस साल छठ महापर्व का पहला दिन, नहाय-खाय आज यानी 5 नवंबर 2024 को है। इस दिन सूर्योदय सुबह 6 बजकर 39 मिनट पर होगा और सूर्यास्त शाम 5 बजकर 41 मिनट पर होगा। इस दौरान व्रती पूजा अर्चना कर सकते हैं।
पहले दिन छठ व्रत करने वाले पुरुषों और महिलाओं ने अंत:करण की शुद्घि के लिए नदियों, तालाबों और विभिन्न जलाशयों में स्नान करने के बाद अरबा चावल, चने की दाल और लौकी (कद्दू) की सब्जी के रूप में प्रसाद ग्रहण करेंगे।
परिवार की समृद्घि और कष्टों के निवारण के लिए इस महापर्व के दूसरे दिन बुधवार, 6 नवंबर को छठ व्रती दिन भर बिना जलग्रहण किए उपवास रखने के बाद सूर्यास्त होने पर 'खरना' करेंगे। इस दौरान वे भगवान भास्कर की पूजा करेंगे और बाद में दूध और गुड़ से बने खीर का प्रसाद सिर्फ एक बार खाएंगे और जब तक चांद नजर आएगा, तब तक ही जल ग्रहण कर सकेंगे और इसके बाद से उनका करीब 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाएगा। इस दिन मिट्टी के चूल्हे में आम की लकड़ी से आग जलाकर प्रसाद बनया जाता है।
पर्व के तीसरे दिन गुरूवार, 7 नवंबर को छठ व्रती शाम को नदी, तालाबों सहित विभिन्न जलाशयों में पहुंच कर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य अर्पित करेंगे। पर्व के चौथे और अंतिम दिन शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्ध्य देने के साथ ही व्रतियों का व्रत समाप्त हो जाएगा। इसके बाद वे फिर अन्न-जल ग्रहण कर करेंगे जिसे 'पारण' कहते हैं।
समय लाइव डेस्क नई दिल्ली |
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