Buddha Purnima 2024: आज है बुद्ध पूर्णिमा? जानें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

May 23, 2024

Buddha Purnima 2024: आज (23 मई 2024) को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जा रही है। इसे वैशाख पूर्णिमा भी कहा जाता है। आज वैशाख पूर्णिमा पर स्नान-दान के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 4 बजकर 4 मिनट से सुबह 5 बजकर 45 मिनट तक रहेगा

Buddha Purnima 2024: हर साल वैशाख माह की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। उनके जन्म का नाम सिद्धार्थ गौतम था। इस साल बुद्ध पूर्णिमा 23 मई को है। बुद्ध पूर्णिमा को बुद्ध जयन्ती तथा वैसाक के नाम से भी जाना जाता है। तो चलिए आपको बताते हैं बुद्ध पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि।  

क्यों मनाई जाती है बुद्ध पूर्णिमा? Buddha Purnima kyon Manaye Jati Hai

बुद्ध पूर्णिमा बैसाख माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है। बौद्ध धर्म में आस्था रखने वालों का यह एक प्रमुख त्यौहार है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। इसी दिन
उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और उनका महानिर्वाण भी हुआ था। गौतम बुद्ध के विचारों ने दुनिया को सत्य और मानवता का पाठ पढ़ाया और धर्म की स्थापना की थी। इस दिन गंगा में स्नान और दान धर्म के विशेष कार्य किए जाते हैं।

बुद्ध पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Buddha Purnima 2024 Shubh Muhurat)

• बुद्ध पूर्णिमा 23 मई 2024 को पड़ेगी।

• पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - मई 22, 2024 को शाम 06:47 बजे

• पूर्णिमा तिथि समाप्त - मई 23, 2024 को शाम 07:22 बजे

स्नान का शुभ मुहूर्त (Buddha Purnima 2024 Snan Shubh Muhurat)

आज वैशाख पूर्णिमा पर स्नान-दान के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 4 बजकर 4 मिनट से सुबह 5 बजकर 45 मिनट तक रहेगा

बुद्ध पूर्णिमा पूजन विधि (Buddha Purnima Puja Vidhi)

• सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करें या फिर घर में ही स्नान करें

• अब सूर्य देव देव को अर्घ्य दें।

• अर्घ्य देने के बाद नदी में तिल प्रवाहित करें। 

• इसके बाद पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं।

• अब भगवान विष्णु की पूजा करें।

• मंदिर में विष्णु भगवान के सामने दीपक जलाएं।

• भगवान के आगे फूल अर्पित करें।

• विष्णु जी की आरती करें।

• अब दान-पुण्य करें।

बुद्ध के जन्म से जुड़ी बातें  (History Of Buddha Purnima)

• कई लोग नेपाल के लुम्बिनी नामक स्थान को बुद्ध का जन्म स्थान मानते हैं

• बुद्ध की मृत्यु, उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में 80 वर्ष की आयु में हुई थी।

• बोधगया शहर गौतम बुद्ध के जीवन से जुड़ी कई कहानियां दर्शाता है।

• बोधगया के अलावा कुशीनगर, लुम्बिनी और सारनाथ में भी गौतम बुद्ध के जीवन की कहानियां देखने को मिलती हैं।

• ऐसा माना जाता है कि गौतम बुद्ध ने बोधगया में ज्ञान प्राप्त किया तथा उन्होंने पहली बार सारनाथ में धर्म की शिक्षा दी।

बौद्ध अनुयायी इस दिन क्या करते हैं?

इस दिन सभी बौद्ध अनुयायी अपने घरों में शाम को दीपक जलाते हैं और फूलों से घर सजाते हैं।

सब जगह इस दिन बौद्ध धर्म ग्रंथों का पाठ किया जाता है।

इस दिन गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन स्नान करने से व्यक्ति के पिछले कई जन्मो के पाप धुल जाते हैं।
 


प्रेरणा शुक्ला
नई दिल्ली

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